Tuesday, 29 July 2025

Rajasthan ke Pramukh lokdevta gk rajasthan gk राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता

 राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता 

(1) पाबूजी राठौर 

**पाबूजी राठौर                      

 जन्म – कालू  (फलोदी) 1239 ई. 

पिता – धांधल जी राठौड़ 

( धांधल जी मारवाड़ राव शासक आस्थान के पुत्र व राव सिंह के वंशज थे )

माता – कमलादे 

पत्नी – फुलमदे/सुप्यारदे(अमर कोट के सूरजमल सोढा की पुत्री )

गुरु – गुरु गोरखनाथ जी

घोड़ी – केशर कलमी( देवल चारणी की घोड़ी थी )

♂️–उपनाम 

– गो रक्षक देवता 

– लक्ष्मण जी के अवतार 

– प्लेग रक्षक देवता 

– ऊंटों के देवत


— मारवाड़ में सर्वप्रथम ऊंट लाने का श्रेय पाबूजी को दिया जाता है 

— ऊंट पालक जाती रायका (रेबारी) इन्हें अपना आराध्य देव मानती हैं

— गुजरात शासक आना बघेला से विद्रोह करके

सात थोरी भाइयों चांदा देवा,खापु,मेंपा,पाबूजी ने सरण दी ।

— पाबूजी का बहनोई जिंदराव खींची (जायल नागौर ) देवल चारणी की गाये चुराकर ले गया ।

— ढेचू गांव फलौदी में युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हूए  यही पाबूजी महाराज की समाधि थी 

— पाबूजी के सहयोगी चांदा डेमा बाघेला राजपूत वह हरमल रेबारी 

—पाबूजी ने विवाह के समय साढ़े तीन फेरे लिए थे।।

♂️ मंदिर 

— कोलूमंद फलोदी में जहां केसर कालमी घोड़ी पर पाबूजी की बाई और झुकी पाग की प्रतिमा व हाथ में भाला है ।।

— यह चैत्र अमावस्या को मेला लगता है 

— अन्य मंदिर आहड़( उदयपुर )

— मेहर जाति के मुसलमान पाबूजी को पीर मानकर पूजते हैं

— पाबूजी के गाथा गीत पाबूजी के पवाड़े (वीर गाथा) माठ वाद्य यंत्र नायक व रेबारी जाति द्वारा बनाए जाते हैं

—पाबूजी की फ़ढ नायक जाति के लोगों द्वारा रावणहत्था वाद्य यंत्र के साथ बाची जाती हैं ।।

***प्रमुख रचना 

— पाबू प्रकाश – आशिया मोजड़ी     

— पाबुजी रा छंद – बीटू मेहा जी    

— पाबूजी रा सौरटा – रामनाथ कविया 

– पाबूजी का दोहा – लघराज 

– पाबूजी के गीत – बांकीदास 

– पाबूजी री बात – लक्ष्मी कुमारी चुंडावत 

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