राजस्थान के प्रमुख दुर्गों (मुख्य किले)
1. चित्तौड़गढ़ दुर्ग (Chittorgarh Fort)
स्थान rameshwar
निर्माण:7वीं शताब्दी में मौर्य शासक चित्रांगद मौर्य द्वारा
विशेषताएँ:
यह भारत का सबसे बड़ा दुर्ग है।
रानी पद्मिनी, रानी कर्णावती और महाराणा रत्न सिंह जैसे ऐतिहासिक पात्रों से जुड़ा हुआ।
तीन बार जौहर किया गया – रानी पद्मिनी, रानी कर्णावती, और तीसरी बार 1567 में।
विजय स्तंभ और कीर्ति स्तंभ जैसे स्थापत्य चमत्कार।
2. कुम्भलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarh Fort)
स्थान:राजसमंद जिला
निर्माण:महाराणा कुम्भा द्वारा 15वीं शताब्दी में
विशेषताएँ:
इसकी दीवार चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है (36 किमी लंबी)।
* महाराणा प्रताप का जन्मस्थान।
* दुर्ग अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है, इसलिए यह प्राकृतिक रूप से सुरक्षित था।
* यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (Hill Forts of Rajasthan) में शामिल।
3. मेहरानगढ़ दुर्ग (Mehrangarh Fort)
स्थान:जोधपुर
निर्माण: राव जोधा द्वारा 1459 में
विशेषताएँ:
* 410 फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित है।
* यह किला विशाल, मजबूत और बहुत सुंदर वास्तुकला वाला है।
* किले के भीतर कई महल हैं – फूल महल, शीश महल, मोती महल।
* जोधपुर शहर का पूरा दृश्य मिलता है।
4. जयगढ़ दुर्ग (Jaigarh Fort)
स्थान: जयपुर (अरावली पर्वतमाला में आमेर के पास)
निर्माण:महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा
विशेषताएँ:
यहाँ जयवाण तोपरखी है – दुनिया की सबसे बड़ी पहिएदार तोप।
* यह किला आमेर दुर्ग से एक गुप्त सुरंग द्वारा जुड़ा हुआ है।
* यहाँ शस्त्रागार और युद्धक उपकरणों का संग्रह है।
5. आमेर दुर्ग (Amber Fort)
स्थान:जयपुर के निकट
निर्माण: राजा मानसिंह I द्वारा 16वीं शताब्दी में
विशेषताएँ:
* संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ सुंदर महल।
* शीश महल (दर्पण महल) यहाँ का प्रमुख आकर्षण है।
* किले के अंदर जल महल, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास हैं।
6. रणथंभौर दुर्ग (Ranthambore Fort)
स्थान:सवाई माधोपुर
निर्माण: 10वीं शताब्दी में चौहानों द्वारा
विशेषताएँ:
* यह दुर्ग रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है।
* यह दुर्ग वन्यजीव और ऐतिहासिक महत्व दोनों के लिए प्रसिद्ध है।
* यहाँ गणेश मंदिर भी स्थित है जो बहुत प्रसिद्ध है।
--
7. सोनार किला / जैसलमेर दुर्ग (Jaisalmer Fort)
स्थान: जैसलमेर
निर्माण: राजा रावल जैसल द्वारा 1156 ई. में
विशेषताएँ:
* पीले बलुआ पत्थर से बना होने के कारण इसे "सोनार किला" या "स्वर्ण दुर्ग" कहते हैं।
* यह जीवित किला है – आज भी लोग इसके अंदर निवास करते हैं।
* यह थार मरुस्थल में स्थित है और अद्भुत स्थापत्य का उदाहरण है।
8. गागरोन दुर्ग (Gagron Fort)
स्थान:झालावाड़
विशेषताएँ:
* यह एक जल दुर्ग (Water Fort) है – तीन ओर से जल से घिरा है।
* यह दुर्ग यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है।
निष्कर्ष:
राजस्थान के ये किले न केवल स्थापत्य की दृष्टि से अद्वितीय हैं, बल्कि भारत के इतिहास, युद्ध, संस्कृति और गौरवशाली विरासत को भी दर्शताएं है
No comments:
Post a Comment